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आज पहली बार हमारे गांव के मैनेजर बाबू को यह दुनिया अच्छे लोगों और अच्छाइयों से भरी-पूरी लग रही है। जिन पढ़े-लिखे शहरी लोगों को वे जेठ की द...
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क्या सचमुच सरकार गरीबी मिटा रही है? वह शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, पेयजल आदि पर जो खर्च कर रही उसका लाभ सही में लक्षित लोगों को मिल रहा है?...
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सिर्फ पूंजी पर ही नजर रखना और समाज की अनदेखी करना नैतिकता के लिहाज से गलत है ही, यह गलत अर्थनीति भी है। करीब एक दशक पहले जब देश में आर्थिक स...
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आज के समय में टीवी व रेडियो पर मौसम संबंधी जानकारी मिल जाती है। लेकिन सदियों पहले न टीवी-रेडियो थे, न सरकारी मौसम विभाग। ऐसे समय में महान कि...
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यदि आपकी पर्यटन व तीर्थाटन में रुचि है तो आपको कैमूर पहाड़ पर मौजूद मुंडेश्वरी धाम की यात्रा एक बार अवश्य करनी चाहिए। पहाड़ की चढ़ाई, जंगल...
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जब देश के प्रथम नागरिक का किसान भतीजा ही कर्ज के बोझ से खुदकुशी को विवश हो जाये तो अन्य किसानों के हालात आसानी से समझे जा सकते हैं। यह खबर द...
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खच्चर बोझ भी ढोता है और गाली भी सुनता है। हमारे देश में किसानों की स्थिति उस निरीह जानवर से बेहतर नहीं है। पहले से ही आत्महत्या कर रहे किसान...
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हमारा धान 7 रु. 45 पैसे में हमसे लिया जाये और वैसा ही धान हमें 215 रु. में बीज के नाम पर दिया जाये, तो इसे आप क्या कहेंगे? कोई भी कंपनी कार...
सही बात है :)
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