ठगों ने अब फर्जी वेबसाइट बनाकर भी ठगने का धंधा शुरू कर दिया है। कृषि मंत्रालय के अधीन काम करनेवाले एक विभाग की फर्जी वेबसाइट बनाकर सरकारी रिक्तियों का इश्तेहार दिया गया तथा प्रवेश परीक्षा आयोजित कर परिणाम भी घोषित किए गए। इस वेबसाइट की गतिविधियों पर जब भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की नजर पड़ी तो इसका भांडा फूटा और इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की गई। पूरी रपट दैनिक जागरण से उद्धृत की जा रही है। इस खबर को यहां भी देखा जा सकता है।
साइबर क्राइम से जुड़ा सनसनीखेज मामला सामने आया है। हाल ही में कृषि मंत्रालय के अधीन काम करने वाले एक विभाग की फर्जी वेबसाइट का भंडाफोड़ किया गया है। इस फर्जी वेबसाइट पर कृषि मंत्री शरद पवार की तस्वीर भी चस्पा है।
वेबसाइट पर खुद को कृषि मंत्रालय की शोध इकाई बताते हुए हरियाणा में सेंट्रल एग्रीकल्चर रिसर्च सेंटर (सीएआरसी) नामक संस्था ने पिछले साल बाकायदा सरकारी पदों के लिए विज्ञापन भी दिया। यही नहीं, 1 मार्च को एक प्रवेश परीक्षा आयोजित कराई गई और वेबसाइट पर उसके नतीजे भी घोषित किए गए हैं।
लेकिन अब इस वेबसाइट की गतिविधियों पर कृषि मंत्रालय की वास्तविक शोध शाखा इंडियन काउंसिल आफ एग्रीकल्चर रिसर्च (आईसीएआर) की नजर है। आईसीएआर का कहना है कि किसी सरकारी एजेंसी की वेबसाइट की तरह दिखने वाली यह फर्जी वेबसाइट निश्चित ही लोगों को ठगने के लिए बनाई गई है।
सीएआरसी की वेबसाइट का न केवल यूआरएल एड्रेस (सीएआरसी डाट ओआरजी डाट इन) आईसीएआर की वेबसाइट से मिलता-जुलता है बल्कि फर्जी वेबसाइट में बहुत सी सामग्री भी आईसीएआर की वेबसाइट से कॉपी की गई है। नकली वेबसाइट में कृषि भवन को अपना मुख्यालय बताया गया है। आईसीएआर जहां कृषि भवन में स्थित है, वहीं सीएआरसी ने वेबसाइट में अपना पता हरियाणा के फरीदाबाद जिले स्थित पलवल में बताया है।
आईसीएआर के सचिव एके उपाध्याय ने कहा कि यह वेबसाइट लोगों को ठगने के लिए बनाई गई है। आईसीएआर इस मामले में कानूनी कार्रवाई कर रहा है। संगठन से जुड़े सभी लोगों को इस बारे में सूचित कर दिया गया है कि कृषि मंत्रालय या आईसीएआर का हिस्सा मानकर नकली एजेंसी के साथ कोई संबंध न रखा जाए।
फर्जी वेबसाइट में सीएआरसी के लिए अक्टूबर 2008 में 272 पदों के लिए रिक्तियां भी निकाली गई थीं। विज्ञापन में कहा गया था कि 85 क्लर्क, 75 आफिस इंचार्ज, 56 अकाउंटेंट और 55 पीआरओ की जरूरत है। मनीश सिंह के नाम से पंजीकृत इस वेबसाइट पर 1 मार्च को आयोजित परीक्षा के चयनित उम्मीदवारों की सूची भी प्रकाशित की गई है। अभी यह साफ नहीं हो सका है कि इस वेबसाइट के जरिए कितने लोग ठगी के शिकार हुए।
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Friday, April 24, 2009
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