Showing posts with label कार. Show all posts
Showing posts with label कार. Show all posts

Monday, July 13, 2009

फिलीपीन्‍स की सड़कों पर चल रही इन बांस की टैक्सियों को तो देखिए !

क्‍या आप ने कभी सोचा है कि बांस से कार या टैक्‍सी भी बन सकती है? नीचे के छायाचित्रों को देखिए। इन टैक्सियों का 90 फीसदी हिस्‍सा बांस का है और ये नारियल से तैयार बायोडीजल पर चलती हैं। इन्‍हें ईको टैक्‍सी (ECO taxis) नाम दिया गया है तथा फिलहाल इनके दो मॉडल तैयार किए गए हैं : ईको 1 और ईको 2 । ईको 1 में 20 आदमी बैठ सकते हैं। एक गैलन बायोडीजल में यह आठ घंटे तक चलती है। ईको 2 भी एक गैलन बायोडीजल में आठ घंटे चलती है, हालांकि इसमें 8 आदमी ही बैठ सकते हैं। वैसे ईको 2 में स्‍टीरियो साउंड सिस्‍टम भी है।

दरअसल ये बांस की टैक्सियां फिलीपीन्‍स के टाबोंटाबोन शहर के मेयर रूस्टिको बाल्‍डेरियन के सोच की उपज हैं, जिन्‍होंने शहरवासियों की जरूरतों को ध्‍यान में रख इन्‍हें तैयार कराया। धान की खेती के लिए जाने जानेवाले इस छोटे-से शहर में लोगों के आवागमन का मुख्‍य साधन मोटरसाइकिलें हैं। भाड़े के वाहनचालक पांच-छह लोगों को बैठाकर मोटरसाइकिलें चलाते हैं, जो असुविधाजनक और खतरनाक दोनों है। आवागमन के साधन के रूप में इन मोटरसाइकिलों के विकल्‍प के तौर पर बांस की टैक्सियों को तैयार किया गया है। इनकी लागत तो कम है ही, ये सुरक्षित और पर्यावरण हितैषी (eco friendly) भी हैं। बांस तेजी से नवीनीकरण होने योग्‍य वस्‍तु है तथा स्‍थानीय तौर पर प्रचुरता में उपलब्‍ध है। बांस काफी लचीला होता है और इस दृष्टि से इसकी मजबूती भी कम नहीं आंकी जा सकती। सबसे महत्‍वपूर्ण बात है कि इन टैक्सियों को स्‍थानीय स्‍तर पर पर स्‍थानीय सामग्री से स्‍थानीय युवकों ने तैयार किया है।







यदि संबंधित खबर को अंग्रेजी में पढ़ना चाहते हों तो इन कडियों पर जाएं : TOTI Eco और Inhabitat.

Tuesday, April 28, 2009

आलू-गाजर की कार और 140 मील की रफ्तार... यह तो वाकई स्‍वादिष्‍ट है!

स्‍वाद वाली चीजों से सड़कों पर दौड़नेवाला वाहन तैयार किया जाए, यह सुनने में विचित्र लगता है। शायद इसीलिए आलू-गाजर से रेस कार बनाए जाने की खबर देखकर पहली बात जो मेरे मन में आयी वह यह कि यह कार है या स्‍वादिष्‍ट भोजन। लेकिन बात इतनी ही नहीं है। यह खबर हमें टिकाऊ विकास (sustainable development) के पर्यावरण-अनुकूल उपायों के प्रति आशावान बनाती है।

इंग्‍लैण्‍ड की वारविक युनिवर्सिटी की वर्ल्‍डफर्स्‍ट टीम ने एक ऐसी ही ईको-फ्रेंडली रेस कार तैयार की है, जो चॉकलेट और वेजिटेबल ऑयल से चलेगी। दुनिया की इस पहली वेजिटेबल कार का नाम ईको एफ 3 (ecoF3) रखा गया है। इसका स्टियरिंग व्‍हील गाजर से बना है, जबकि बॉडी आलू की है। सीट सोयाबीन से बनी है। इंजन भी बायोडीजल है। फलों, साग-सब्जियों व पौधों से निकाले गए वेजिटेबल फाइबर को रेजिन के साथ मिलाकर इस कार के अनेक पार्ट-पुर्जे बनाए गए हैं। जबकि चॉकलेट और अन्‍य पौधा आधारित चीजों से निकाले गए तेल को रिफाइन कर ईंधन और लुब्रिकेन्‍ट तैयार किए गए हैं। यह कार 140-45 मील प्रति घंटे की रफ्तार तक चल सकती है।

इस कार को मई में लांच किए जाने की योजना है। वर्ल्‍डफर्स्‍ट टीम चाहती है कि कार दौड़ का आयोजन करनेवाले अपने नियमों में संशोधन करें और अगले सत्र से गैरपरंपरागत नवीकरण योग्‍य ईंधन से चलनेवाली उनकी इस कार को रेस में शामिल कर लें।

वर्तमान में यह फार्मूला 3 कार, रेस के लिए वैध नहीं है क्‍योंकि चॉकलेट आधारित ईंधन उनकी स्‍वीकृत ईंधन सूची में शामिल नहीं है। जबकि वर्ल्‍डफस्‍ट टीम यह साबित करना चाहती है कि ईको-फ्रेंडली कार का मतलब धीमी रफ्तार वाली उबाऊ कार नहीं है। उसके प्रवक्‍ता का कहना है, ‘हमें उम्‍मीद है कि भविष्‍य में फार्मूला वन कारों में नई सामग्री का उपयोग किया जाएगा।‘