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आज पहली बार हमारे गांव के मैनेजर बाबू को यह दुनिया अच्छे लोगों और अच्छाइयों से भरी-पूरी लग रही है। जिन पढ़े-लिखे शहरी लोगों को वे जेठ की द...
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आज के समय में टीवी व रेडियो पर मौसम संबंधी जानकारी मिल जाती है। लेकिन सदियों पहले न टीवी-रेडियो थे, न सरकारी मौसम विभाग। ऐसे समय में महान कि...
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भूगर्भीय और भूतल जल के दिन-प्रतिदिन गहराते संकट के मूल में हमारी सरकार की एकांगी नीतियां मुख्य रूप से हैं. देश की आजादी के बाद बड़े बांधों,...
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उत्तरप्रदेश के एक गांव में आलू चुनते ग्रामीण (फोटो रायटर से साभार) भा रतीय वैज्ञानिकों ने आलू की ऐसी जीन संवर्धित प्रजाति को विकसित कर...
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हमारे गांवों में एक कहावत है, 'जिसकी खेती, उसकी मति।' हालांकि हमारे कृषि वैज्ञानिक व पदाधिकारी शायद ऐसा नहीं सोचते। किसान कोई गलत कृ...
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भारत सरकार के कृषि मंत्रालय ने संसद में एक सवाल के जवाब में बताया कि अगले तीन सालों के अंदर देश में जीन संवर्धित टमाटर, बैगन और फूलगोभी की ख...
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बिहार की एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी सहित भारत में अपनी परियोजनाओं पर काम कर रहे तीन संगठनों को वर्ष 2009 के लिए अक्षय ऊर्जा के प्रतिष्ठित ऐशड...
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देश में महंगाई खासकर लोहे व स्टील की बढी कीमतों पर 'अमर उजाला' के रविवार के इंटरनेट संस्करण में सूर्य कुमार पांडेय का 'लोहे का च...
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पिछले आलेख में मुंडेश्वरी मंदिर के बारे में सामान्य जानकारी दी गयी थी, लेकिन आज हम विशेष रूप से उन पुरातात्विक साक्ष्यों के बारे में बात...
Waah kya baat hai. Ameblo, Mystrikingly & Salesforce profile
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