Thursday, May 7, 2009
चेहरा क्या देखते हो...
किसी चेहरे पर दूसरे चेहरे को प्रत्यारोपित करने को लेकर नैतिकता की जो दुहाई दी जाए, लेकिन चिकित्सा विज्ञान की यह उपलब्धि गौर और गर्व करने लायक है।
वर्ष 2008 के दिसंबर माह में अमेरिका के ओहियो प्रांत के क्लीवलैंड क्लीनीक में जब डॉ. मारिया साइमिनोव के नेतृत्व में 11 शल्य चिकित्सकों के दल ने करीब 22 घंटे चले ऑपरेशन के जरिए उस महिला के चेहरे का प्रत्यारोपण किया होगा तो वे जरूर जानते होंगे कि वे इतिहास बना रहे हैं। यह अमेरिका का पहला और दुनिया का चौथा चेहरा प्रत्यारोपण था।
ऑपरेशन के दौरान महिला के चेहरे पर हड्डियां, मांसपेशियां, तंत्रिकाएं, त्वचा, रक्त वाहिनियां और दांत लगाए गए। यह सभी अंग एक अन्य महिला के चेहरे से निकाले गए थे जिसकी कुछ ही घंटे पहले मौत हुई थी। उस समय मरीज की पहचान और उम्र को गोपनीय रखा गया था। यह भी नहीं बताया गया कि वह घायल कैसे हुई थी।
जब उक्त महिला ने ऑपरेशन के पांच माह बाद गत 5 मई को संवाददाता सम्मेलन में उपस्थित होकर अपना नया चेहरा दिखाया तो दुनिया को पूरी सच्चाई का पता चला। कोनी कल्प (Connie Culp) नामक उक्त 46 वर्षीया महिला को उसके पति ने वर्ष 2004 में गोली मार दी थी, जिससे उसका पूरा चेहरा ही वीभत्स हो गया था। उसका चेहरा इतना डरावना हो चुका था कि दो बच्चों की मां उस महिला के अपने बच्चे भी उसे देखकर डर जाते थे। ऑपरेशन से पहले वह बाहरी सहायता के बिना न तो कोई ठोस चीज खा सकती थी, न ही सूंघ या सांस ले सकती थी। लेकिन अब सब सामान्य हो रहा है। उसके चेहरे का अस्सी फीसदी अंश प्रत्यारोपित करना पड़ा।
डॉ. मारिया बताती हैं कि जब कोनी ने दोनों हाथों से चेहरे को छुआ और महसूस किया कि वहां नाक हैं, जबड़े भी हैं, तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
कोनी ठीक ही कहती है, ‘’किसी के चेहरे की बदसूरती के आधार पर कोई धारणा नहीं बनाएं, क्योंकि आप नहीं जानते कि उसके साथ क्या हुआ है।‘’
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क्या कहें. विज्ञान की जय बोलने के अलावा?
ReplyDeleteबहुत बढिया खबर सुनाई जी. शल्य चिकित्सा में बहुत ही सटीक और आशातीत उन्नति की है जिसने मानव जीवन को नये आयाम दिये हैं.
ReplyDeleteरामराम.
have to say, science ne wakaai tarakki kar li hai
ReplyDeleteविज्ञान का जलवा !
ReplyDeleteसुबह यह खबर पढ़ी थी अखबार में .विज्ञान का चमत्कार ही कह सकते हैं इसको ..
ReplyDeleteगोली लगने के पहले वाला जलवा तो न आ पाया जी!
ReplyDeleteविज्ञान का चमत्कार है!
ReplyDeleteचमत्कार को नमस्कार तो करना ही पड़ेगा, चाहे विज्ञानं करे या संत महात्मा या फिर तांत्रिक.
ReplyDeleteचन्द्र मोहन गुप्त
विज्ञान के चमत्कार!!
ReplyDeleteजय हो!! जय विज्ञान..
ReplyDeleteविज्ञान ने सचमुच बहुत उन्नति कर ली है....
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