15 अगस्त। हमारी आजादी का दिन।
इस दिन सुबह में आपने भी झंडे लहराए होंगे और जश्न मनाया होगा। लेकिन आप जानते हैं कि इस साल फ्रांसीसियों ने इस दिन क्या किया ? जवाब जानने के लिए यहां क्लिक करें।
बहरहाल अब जबकि जीन संवर्धित फसलों को मंजूरी की प्रक्रिया आसान करने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा संसद के समक्ष विधेयक पेश करने की तैयारी चल रही है, अग्रलिखित सवाल अब भी कायम है : आप खेत और पेट की गुलामी को तैयार तो हैं?
जवाब आपको तलाशना ही होगा। अन्यथा एक दिन हम और आप दुनिया के सामने खुद एक पेचीदा सवाल बनकर रह जाएंगे।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
-
भूगर्भीय और भूतल जल के दिन-प्रतिदिन गहराते संकट के मूल में हमारी सरकार की एकांगी नीतियां मुख्य रूप से हैं. देश की आजादी के बाद बड़े बांधों,...
-
भाषा का न सांप्रदायिक आधार होता है, न ही वह शास्त्रीयता के बंधन को मानती है। अपने इस सहज रूप में उसकी संप्रेषणयीता और सौन्दर्य को देखना हो...
-
वेदों का चर्खा चला, सदियां गुजरीं। लोग-बाग बसने लगे। फिर भी चलते रहे। गुफाओं से घर उठाये। उंचे से नीचे उतरे। भेड़ों से गायें रखीं। जंगल से ब...
-
‘बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद’ जैसे सदियों से चले आ रहे मुहावरे सुनते-सुनते जो लोग बोर हो गए होंगे, वे अब एक नए मुहावरे का लुत्फ उठा सकते...
-
आज के समय में टीवी व रेडियो पर मौसम संबंधी जानकारी मिल जाती है। लेकिन सदियों पहले न टीवी-रेडियो थे, न सरकारी मौसम विभाग। ऐसे समय में महान कि...
-
आ म यानी मेग्नीफेरा इंडिका का रसदार फल। फलों का राजा। भारत का राष्ट्रीय फल। महाकवि कालीदास ने इसकी प्रशंसा में गीत लिखे। यूनान के प्रतापी ...
-
11 अप्रैल को हिन्दी के प्रख्यात कथाशिल्पी फणीश्वर नाथ रेणु की पुण्यतिथि थी। उस दिन चाहता था कि उनकी स्मृति से जुड़ी कुछ बातें खेती-...
लिंक्स के लिये आभार आपका, बात आपने सही उठाई है.
ReplyDeleteरामराम
फ्रांसीसियों ही नही पुरे युरोप मै ही अंगुर खुब होते है ओर फ़िर इन की वाईन बनती है, लिंक देने के लिये धन्यवाद
ReplyDeleteGreat post, I really like it thanks for shared valuable info with us Baby Care Products
ReplyDelete