आज से करीब साल भर पहले जब खेती-बाड़ी ब्लॉग शुरू किया गया, भारत में अंतरजाल पर किसान पाठक नहीं के बराबर थे। अभी भी गिने-चुने ही हैं। लेकिन अब किसान भी इंटरनेट से जुड़ रहे हैं और विश्वास है कि भविष्य में उनकी संख्या जरूर बढ़ेगी। इसी बात को ध्यान में रखकर ब्लॉग में कृषि संबंधी सूचनाओं व जानकारियों से संबंधित कुछ खास पन्ने शामिल करना जरूरी प्रतीत होता है, जिनमें समय-समय पर संशोधन व परिवर्धन होता रहे। तो प्रस्तुत है खास पन्ना : वर्ष 2009 - कृषि समाचार। इस पन्ने पर जुलाई, 2009 से भारतीय कृषि से संबंधित मुख्य खबरें संक्षेप में दी जा रही हैं।
आर्थिक समीक्षा : कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर में 1.6 फीसदी की गिरावट
नई दिल्ली (3 जुलाई, 2009)। आर्थिक समीक्षा 2008-09 के मुताबिक बीते वित्त वर्ष में कृषि एवं संबंधित गतिविधियों के विकास में 1.6 प्रतिशत तक की गिरावट आयी है।
सरकार ने गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध में ढील दी
नई दिल्ली (4 जुलाई, 2009)। केन्द्र सरकार ने प्रतिबंध में ढील देते हुए 9 लाख टन गेहूं के निर्यात की मंजूरी दी है। इसी तरह 6.5 लाख टन गेहूं उत्पाद को विदेश में बेचने की भी इजाजत दी गयी है। इन उत्पादों में आटा, सूजी व मैदा शामिल हैं। मालूम हो कि सरकार ने वर्ष 2007 में गेहूं के निर्यात पर पाबंदी लगा दी थी।
आम बजट में किसानों के लिए कर्ज संबंधी रियायतें
नई दिल्ली (6 जुलाई, 2009)। वर्ष 2009-10 के आम बजट में कर्ज में रियायतें देकर किसानों का मर्ज दूर करने की कोशिश की गयी है। तीन लाख रुपए तक के फसली कर्ज पर ब्याज की दर पूर्व की भांति 7 प्रतिशत वार्षिक ही रहेगी। हालांकि इसमें एक नया नुक्ता जोड़ा गया है कि जो किसान बैंक से लिए कर्ज का भुगतान समय पर कर देंगे, उनकी ब्याज दर में एक प्रतिशत की सीधी कटौती कर दी जाएगी। यानी, उन्हें 6 प्रतिशत की ब्याज दर पर ही लोन मिलेगा।
आम चुनाव के पूर्व पेश बजट में यूपीए सरकार ने चार करोड़ किसानों का लगभग 72 हजार करोड़ रुपए का बकाया कृषि कर्ज माफ कर दिया था। इस कर्ज राहत पैकेज में दो हेक्टेयर से अधिक भूमि वाले किसानों को 25 फीसदी की माफी दी गयी है, लेकिन इसके लिए 75 फीसदी कर्ज की अदायगी जरूरी है, जिसके लिए 30 जून 2009 तक की मोहलत थी। वित्तमंत्री प्रवण मुखर्जी ने चालू वित्त वर्ष के बजट में इस अवधि को छह महीने के लिए और बढ़ा दिया है और इस छूट की वजह मानसून में हुई देरी को माना है।
देश में खाद्यान्न का पर्याप्त भंडार
नई दिल्ली (8 जुलाई, 2009)। कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा है कि देश के पास करीब 2.5 करोड़ टन गेहूं और 3.06 करोड़ टन चावल का भंडार है, जो 13 माह तक चल सकता है। उन्होंने कहा कि हमारे पास और खाद्यान्न का भंडारण करने के लिए जगह ही नहीं है।
फिर लगी गेहूं निर्यात पर रोक
नई दिल्ली (13 जुलाई, 2009)। भारत सरकार ने महज दस दिनों के भीतर गेहूं के निर्यात की अनुमति देने वाला आदेश वापस ले लिया है। इसके साथ ही गेहूं के निर्यात पर पाबंदी फिर से लागू हो गई है।
मानसून की बेरूखी देख कृषि मंत्रालय में युद्ध कक्ष की स्थापना
नई दिल्ली (14 जुलाई, 2009)। भारत में मानसून आने में देरी को देखते हुए खाद्य सुरक्षा पर चौबीस घंटे निगाह रखने के लिए भारत सरकार ने कृषि मंत्रालय में एक युद्ध-कक्ष की स्थापना की है। स्थिति की गंभीरता को भांप कर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने केंद्रीय वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता में आठ मंत्रियों के एक समूह का गठन भी भी किया है। इस मंत्रिसमूह को खाद्य सुरक्षा, खाद्यान्न की खरीद और उनके दाम तय करने का अधिकार होगा। यह समूह गेहूं और चावल के केंद्रीय भण्डार के प्रबंधन और खाद्यान्नों के आयात, निर्यात और न्यूनतम समर्थन मूल्य के बारे में निर्णय लेने के लिए भी स्वतंत्र होगा।
तीन साल के अंदर आ जाएंगी जीन संवर्धित सब्जियां
नई दिल्ली (15 जुलाई, 2009)। भारतीय कृषि मंत्रालय ने लोकसभा के एक प्रश्नोत्तर में घोषणा की है कि अगले तीन सालों के अंदर जीएम सब्जियों टमाटर, बैगन और फूलगोभी को बाजार में उतारने की योजना है। ऐसा पहली बार है कि मंत्रालय ने जीएम खाद्य फसलों को मंजूरी देने की बात कही है। अभी तक भारत में सिर्फ जीएम कपास को मंजूरी मिली थी, जो अखाद्य फसल है।
खरीफ का रकबा एक तिहाई घटा
नई दिल्ली (17 जुलाई, 2009)। सूखे के चलते खरीफ सीजन का बुवाई रकबा एक तिहाई घट गया है। सबसे नाजुक हालत उत्तर प्रदेश और बिहार के साथ छत्तीसगढ़ व महाराष्ट्र का है, जहां बारिश के अभाव में फसलों की बुवाई ही नहीं हो पाई है। मोटे अनाजों की बुवाई से लेकर धान की रोपाई तक प्रभावित हुई है। दलहन व तिलहन की हालत और भी तंग है।
चीन निर्मित चॉकलेट पर भी रोक लगी
नई दिल्ली (27 जुलाई, 2009)। चीनी खिलौनों को स्वास्थ्य के लिए हानिकारक मानते हुए उन पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद अब चीन निर्मित चाकलेट कैंडी टाफियों और सभी प्रकार के कनफैक्शनरी उत्पादों के आयात पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है।
फोर्ब्स ने किया हरदा मंडी का गुणगान
हरदा (8 अगस्त, 2009)। मध्यप्रदेश के हरदा की कृषि उपज मंडी की सफलता अब अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर उभर आई है। इस मंडी का लोहा मानते हुए प्रतिष्ठित पत्रिका 'फोर्ब्स' ने इसे बेहद सफल मंडी करार दिया है। यहां किसानों के साथ व्यापारियों की जरुरत को ध्यान में रखकर तमाम सुविधाएं मौजूद हैं। सरकारी क्षेत्र की यह मंडी निजी कंपनियों का पूरी ताकत से मुकाबला कर रही है।
खुले बाजार में गेहूं-चावल की बिक्री को मंजूरी
नई दिल्ली (19 अगस्त, 2009)। केंद्र सरकार ने खुले बाजार में गेहूं और चावल को बेचने की योजना को मंजूरी दी है, ताकि इन खाद्यान्नों की कीमतें में तेजी न आने पाए।
धान और दालों का एमएसपी बढ़ा
नई दिल्ली (20 अगस्त, 2009)। सामान्य धान के लिए समर्थन मूल्य अब 950 रुपये प्रति क्विंटल होगा, जबकि ए-ग्रेड के धान की कीमत 980 रुपये प्रति क्विंटल होगी। दोनों की ही कीमत में सौ रुपये की बढ़ोतरी की गई है। तूहर दाल के लिए एमएसपी 2000 रुपये से बढ़ाकर 2300 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है जबकि मूंग के मामले में इसे 2520 रुपये से बढ़ाकर 2760 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है।
गन्ना किसानों के लिए चुनावी चासनी
नई दिल्ली (21 अगस्त, 2009)। केंद्र सरकार ने गन्ना किसानों को लुभाने वाले तोहफे की घोषणा की है। तोहफे के तहत गन्ना किसानों को न्यूनतम चार फीसदी की रियायती ब्याज दर पर खेती के लिए कर्ज मुहैया कराया जाएगा। यह कर्ज बैंकों की मार्फत नहीं, बल्कि उन चीनी मिलों से दिलाया जाएगा, जो कभी किसानों को उनका बकाया देने में भी आनाकानी करती रही हैं।
समर्थन मूल्य को लेकर धान उत्पादक राज्य केंद्र से नाराज
नई दिल्ली (28 अगस्त, 2009)। धान के घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य [एमएसपी] को लेकर धान उत्पादक राज्य केंद्र सरकार से खासा नाराज हैं। भीषण सूखे में जैसे-तैसे धान की फसल को बचाए रखने में लागत बढ़ जाने के बावजूद समर्थन मूल्य में कोई खास वृद्धि नहीं की गई है। कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने कृषि व खाद्य मंत्री शरद पवार से मुलाकात की तो कुछ ने उन्हें पत्र लिखकर अपनी आपत्ति जताई है।
समय पर कर्ज की अदायगी करने वाले किसानों को रियायत
नई दिल्ली (29 अगस्त, 2009)। केंद्र सरकार ने उन किसानों से एक फीसदी कम ब्याज लेने का फैसला किया है, जिन्होंने समय से कर्ज की अदायगी कर दी है। वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा कि समय पर कर्ज की अदायगी करने वाले किसानों से सात के बजाय छह प्रतिशत ब्याज लिया जाएगा।
खाद्य तेलों के निर्यात पर रोक की अवधि बढ़ी
नई दिल्ली (6 सितंबर, 2009)। घरेलू बाजार में आपूर्ति बढ़ाने की खातिर सरकार ने खाद्य तेलों के निर्यात पर लगे प्रतिबंध की अवधि को 30 सितंबर 2010 तक बढ़ा दिया है। खाद्य तेलों के बढ़ते दामों पर अंकुश लगाने की खातिर इसके निर्यात पर पहले से ही मार्च, 2010 तक रोक लगी हुई है।
बासमती निर्यातकों को राहत
नई दिल्ली (8 सितंबर, 2009)। विदेशी व्यापार महानिदेशालय ने 900 डालर प्रति टन मूल्य वाले बासमती चावल के निर्यात की अनुमति दे दी है। इस तरह से भारतीय व्यापारी अंतरराष्ट्रीय बाजार में पाकिस्तानी चावल से मुकाबला कर सकेंगे। अब तक एक हजार 100 डालर प्रति टन या उससे अधिक कीमत वाले बासमती चावल को ही निर्यात करने की अनुमति थी।
कोक-पेप्सी को मंगानी होगी विदेश से चीनी
नई दिल्ली (13 सितंबर, 2009)। घरेलू बाजार में चीनी की ऊंची कीमतों से चिंतित सरकार ने शीतल पेय पदार्थ तैयार करने वाली अग्रणी कंपनियों कोका-कोला, पेप्सी और नेस्ले से चीनी विदेश से मंगाने को कहा है।
जल्द मिलेगा गाय का लेक्टोज मुक्त दूध
कोलकाता (19 सितंबर, 2009)। भारतीय कंपनी आईएमबिज ने आस्ट्रेलिया से गाय के लेक्टोजमुक्त दूध का आयात शुरू कर दिया है। यह उत्पाद एक महीने में देश के प्रमुख शहरों के खुदरा बिक्री श्रृंखलाओं में उपलब्ध होगा जिसकी कीमत 117 रुपये प्रति लीटर होगी।
कोर बैंकिंग से जुड़ेंगे देश के डाकघर
जालंधर (21 सितंबर, 2009)। लाखों लोगों को बैंकिंग सुविधा मुहैया कराने वाले डाकघर अब बैंकों की तर्ज पर कोर बैंकिंग प्रणाली [सीबीएस] से लैस होंगे। चालू वित्त वर्ष 2009-10 के अंत यानी मार्च तक यह प्रणाली लागू हो जाएगी। इसका सबसे अधिक फायदा ग्रामीण आबादी को मिलेगा। विस्तार से पढ़ें
बीटी बैगन को जीईएसी की मंजूरी, गेंद अब केन्द्र सरकार के पाले
नई दिल्ली (14 अक्टूबर, 2009)। किसान संगठनों के कड़े विरोध के बीच जेनेटिक इंजीनियरिंग अप्रूवल कमेटी (जीईएसी) ने बीटी बैगन को हरी झंडी दे दी है। अब यह मसला सरकार के पास आ गया है। सरकार के मंजूरी देने के बाद बीटी बैगन की व्यावसायिक खेती शुरू हो सकेगी। विस्तार से पढ़ें
धान की सूखा प्रतिरोधी किस्म का हुआ विकास
भुवनेश्वर (27 अक्टूबर, 2009)। चावल अनुसंधान संस्थान [आरआरआई] ने धान की ऐसी किस्म विकसित की है जो तीन सप्ताह तक बिना पानी के रहने के बाद भी उपज दे सकती है। इसका नाम 'सहाभागी' रखा गया है।
धान पर 50 रुपये बोनस व गन्ने का एफआरपी तय
नई दिल्ली (29 अक्टूबर, 2009)। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रीमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में धान के घोषित समर्थन मूल्य पर 50 रुपए का अतिरिक्त बोनस देने का फैसला लिया गया। सीसीईए ने गन्ने के वैधानिक न्यूनतम मूल्य (एसएमपी) की जगह अध्यादेश के जरिए आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन कर लागू की गयी गन्ने के फेयर एंड रिम्यूनरेटिव प्राइस (एफआरपी) की भी घोषणा कर दी।
दो रुपये महंगा हुआ मदर डेयरी दूध
नई दिल्ली (30 अक्टूबर, 2009)। मदर डेयरी ने दूध की कीमतों में बढ़ोतरी करते हुए फुल क्रीम दूध की कीमत 26 रुपए की जगह 28 रुपए और टोन्ड दूध की कीमत 21 रुपए से बढ़ाकर 22 रुपए प्रति लीटर कर दी है।
सरकार ने प्याज की एमएईपी बढ़ाई
नई दिल्ली (3 नवंबर, 2009)। घरेलू बाजार में प्याज की सप्लाई मजबूत करने के लिए सरकार ने प्याज का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) प्रति टन 145 डॉलर बढ़ाकर औसत 445-450 डॉलर प्रति टन कर दिया है। .
गेहूं का समर्थन मूल्य 20 रुपये बढ़ा
नई दिल्ली (6 नवंबर, 2009)। केंद्र सरकार ने गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में सिर्फ 20 रुपए की मामूली वृद्धि कर 1100 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया है। जबकि चना को छोड़कर दलहन व तिलहन की प्रमुख फसलों में कोई बढ़ोतरी नहीं की गयी है।
आयुर्वेदिक दवाओं पर भी एक्सपायरी डेट
नई दिल्ली (6 नवंबर, 2009)। अप्रैल, 2010 से अंग्रेजी दवाओं की तरह आयुर्वेद के नियमों से बनी हर दवा पर भी एक्सपायरी डेट छपा रहना अनिवार्य होगा और उस तारीख से पहले वह दवा दुकान से हटा लेना जरूरी होगा। यानी 20 अप्रैल के बाद कोई भी आयुर्वेदिक, यूनानी या सिद्धा दवा उपयोग की अंतिम तिथि का लेबल लगाए बिना नहीं बिक सकेगी।
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इस शीर्षक में तल्खी है, इस बात से हमें इंकार नहीं। लेकिन जीएम फसलों की वजह से क्षुब्ध किसानों को तसल्ली देने के लिए इससे बेहतर शब्दावली ...
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भाषा का न सांप्रदायिक आधार होता है, न ही वह शास्त्रीयता के बंधन को मानती है। अपने इस सहज रूप में उसकी संप्रेषणयीता और सौन्दर्य को देखना हो...
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भूगर्भीय और भूतल जल के दिन-प्रतिदिन गहराते संकट के मूल में हमारी सरकार की एकांगी नीतियां मुख्य रूप से हैं. देश की आजादी के बाद बड़े बांधों,...
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बहुत साधुवाद!! उम्दा प्रयास है.
ReplyDeleteउपयोगी संचयन -आगे भी जारी रखें !
ReplyDeleteबहुत शानदार है. शुभकामनाएं.
ReplyDeleteरामराम.
यह इस तरह से भी ठीक रहा
ReplyDelete---------
गुलाबी कोंपलें · चाँद, बादल और शाम
यह अन्तिम खबर - तीन साल के अंदर आ जाएंगी जैव संवर्धित सब्जियां, पर विचार लिखो मित्र!
ReplyDeleteबहुत उम्दा प्रयास है. इसे जारी रखें. रंग लाएगी ये कोशिश एक दिन.
ReplyDeleteअच्छी अच्छी बातोँ को लक्षित किया गया है बधाई अशोक भाई
ReplyDeleteAll is nice.Give us current news of khetibaari and policies of government as well...
ReplyDeletewww.reallifeforu.in INDIA"S FIRST BIO PROJECT BASE PLAN..AND FIRST REWARD PORTEL www.realtadka.com MINISTRY OF AGGRICLTURE APPORVED
ReplyDeleteGreat post, I love it Baby Care Products
ReplyDeleteमेरे खेत भिलवारा राज़ मे है .काली भुरि मिट्टी हे जो पानी रोकति है . पिलाई का कुआँ हैं . 10 हेकटीयेर तक पिलाई करते हैं . मै अलसी कि खेती करना चाहता हूं . मेरा ई मैल
ReplyDeleteKr_pareek@yahoo.co.in है . पोस्ट का पता
कालु राम पारीक , पोस्ट ,पुरु . भिलवारा ,राजस्थान हैं
मुझे इसकी विस्तारित जानकारि मैल करे .
क्या इस समय गोभी की खेती की जा सकती है।
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