निकट भविष्य में आचार-विचार के पुराने मानदंडों से काम नहीं चलनेवाला। आनेवाले वर्षों में शाकाहार-मांसाहार के बीच की रेखा भी उतनी स्पष्ट नहीं रहेगी, जितनी अब तक रहते आयी है। यह बात प्रयोगशाला में कृत्रिम मांस से संबंधित पिछले आलेख में कही गयी थी। उन शब्दों के लिखे जाने के एक सप्ताह के अंदर ही यह खबर दुनिया भर में सुर्खियों में रही है कि ब्रिटिश वनस्पति विज्ञानियों ने नए शोध में यह निष्कर्ष निकाला है कि आलू व टमाटर मांसाहारी हैं, क्योंकि ये पौधे कीड़ों को मारकर अपने लिए खाद बनाते हैं।
रॉयल बॉटेनिकल गार्डन, कियू और लंदन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने बताया है कि दोनों सब्जियों के पौधों के तनों में मौजूद बालों में एक चिपचिपा पदार्थ बहता रहता है। यह पदार्थ आसपास उड़ने वाले कीट-पतंगों को तने से चिपका देता है। कुछ दिन बाद कीटों के बेजान शरीर सूखकर जमीन में गिर जाते हैं। तब पौधों की जड़ें कीटों के शरीर के पोषक तत्वों को सोख लेती हैं। शोधकर्ता मार्क चेज ने बताया, ‘टमाटर और आलू की फसल कटने के बाद भी पौधों में बाल साफ नजर आते हैं। ये नियमित तौर पर कीड़ों को पकड़कर मार देते हैं।’
जीव विज्ञान के पितामह चार्ल्स डार्विन की दूसरी जन्म शताब्दी मना रहे वैज्ञानिक नए-नए शोध कर रहे हैं। इसी क्रम में ये नतीजे भी सामने आए हैं। इस शोध से जुड़े डा. माइक फे के अनुसार अब तक हम मानते थे कि पेड़-पौधों की करीब 650 प्रजातियां मांसाहारी हैं, जो कीट-पतंगों और जीवों का रक्त चूस कर पोषण पाती हैं लेकिन इस श्रेणी में 325 और पेड़-पौधे जुड़ गए हैं।
नए शोध में जिन पौधों को मांसाहारी बताया गया है, उनमें आलू और टमाटर के साथ तंबाकू भी शामिल है। हालांकि ये मुख्य रूप से कीट-पतंगों पर निर्भर नहीं होते, लेकिन पोषण पाने के लिए इनका शिकार करते हैं।
इससे पहले यह माना जाता था कि बंजर स्थानों व जंगलों में पाए जाने वाले पौधे ही पोषक तत्वों की प्रतिपूर्ति के लिए कीड़ों को मारते हैं। लेकिन नए शोध से ज्ञात हुआ है कि घरेलू किचन गार्डन में लगे पौधों में भी यह हिंसक आचरण मौजूद रहा है।
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बताईये..अब!!
ReplyDeleteवैसे भी दाम जिस तरह बढ रहे हैं, आलू और टमाटर खाने को बड़ी मुश्किल से ही नसीब होंगे।ये खबर देकर तो पांडे जी आपने चौंका दिया है,अब खायेंगे क्या ये भी तो सोचना पड़ेगा।
ReplyDeleteतो हम यूँ ही खुद को शाकाहारी कहे जा रहे थे अच्छी जानकारी है धन्यवाद्
ReplyDeleteतो फ़िर हम मासाहारी ही अच्छे
ReplyDeletebhai, dhire boliye. Murge ne sun liya to aur itrayega.
ReplyDeleterk nirad