जब देश के प्रथम नागरिक का किसान भतीजा ही कर्ज के बोझ से खुदकुशी को विवश हो जाये तो अन्य किसानों के हालात आसानी से समझे जा सकते हैं। यह खबर दिनांक 2५.०५.२००८ को 'राष्ट्रीय सहारा' हिन्दी दैनिक के इंटरनेट संस्करण में 'कर्ज में डूबे राष्ट्रपति के किसान भतीजे ने की खुदकुशी' शीर्षक से प्रकाशित हुई है।
खबर में कहा गया है कि राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के रिश्तेदार एक किसान ने कर्ज के बोझ से दबे होने के कारण कीटनाशक पीकर आत्महत्या कर ली। बुलढाणा जिले के खामगांव तालुका के हिंगना कारेगांव के राजेन्द्र सिंह पाटिल ने 20 मई, 2008 की रात कीटनाशक पी ली। उन्हें अकोला के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां शनिवार तड़के उनकी मौत हो गई। 45 वर्षीय राजेन्द्र सिंह पर सरकारी बैंकों का करीब 60 हजार रूपए कर्ज था। इसके अलावा कहा जाता है कि उन्होंने साहूकार से भी ऋण ले रखा था। ऋण वापस करने में असमर्थ होने के कारण उन्होंने यह कदम उठाया। उनके परिवार में पत्नी और तीन बेटियां हैं। एक बेटी की शादी हो गई है तथा दो की अभी करनी थी। कर्ज और बेटियों की शादी को लेकर वह परेशान रहते थे। राजेन्द्र सिंह राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के चचेरे भाई के बेटे थे। वह मूलत: राष्ट्रपति के मायके जलगांव जिला के वडोना गांव के निवासी थे पर पिछले 12 साल से बुलढाणा जिले के हिंगना कारेगांव में रहते थे।
दिलचस्प बात है कि केन्द्र सरकार ने बैंकों से लिया गया किसानों का कर्ज माफ़ करने की घोषणा कर रखी है। हाल ही में मीडिया में ख़बर चली है की केन्द्र सरकार ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की प्रमुख सोनिया गाँधी के सुपुत्र राहुल गाँधी की बात मानते हुए कर्ज माफ़ी योजना में बड़े किसानों को भी शामिल कर लिया है।
दरअसल सरकार की घोषणा और महामहिम राष्ट्रपति के किसान भतीजे की खुदकुशी इस सच्चाई को फिर साबित कर रही हैं कि इस देश के किसान अत्यन्त कष्ट में हैं। सरकार की लोकलुभावन घोषणाओं से उन्हें राहत मिलने के बजाय उनकी परेशानी और बढ़ गई है। कर्ज से राहत पर अभी अमल हुआ नहीं और बैंकों ने उन्हें नया ऋण देना भी बंद कर दिया। ऐसे समय में वे कैसे अपने बेटियों की शादी करें, कैसे बेटों को पढाएँ और कैसे खरीफ की फसल बोयें, यह दर्द वे धरतीपुत्र ही समझ सकते हैं।
गौर करने की बात यह भी है कि राष्ट्रपति के किसान भतीजे की खुदकुशी और कर्णाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की पराजय की खबरें लगभग एक ही समय आई हैं। समझने वालों के लिए ये खबरें बहुत बहुत कुछ बयान करती हैं।
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dayniy sthiti....kya hoga hindustan ke kisano ka???waise hi anaaj ka akaal hai....
ReplyDelete[ek nivedan hai...word verification hata lijeeye please ye comments likhne walon ko discourage karta hai--comments moderate kar lijeeye...settings mein jaa kar....thanks..
अल्पना जी,
ReplyDeleteमार्गदर्शन के लिए धन्यवाद। आपके कहे अनुसार मैंने संभवतः सुधार कर लिया है।