Sunday, August 16, 2009

केरल के कोडिन्‍ही गांव के जुड़वां बच्‍चों को तो आपने देखा ही होगा !

एक बच्‍चे को देखकर ही तबियत खुश हो जाती है, जुड़वां बच्‍चे हों तो क्‍या कहने। लेकिन यदि जुड़वां बच्‍चों की गोद में भी जुड़वां बच्‍चे ही बैठे हों, तब तो मुर्दे आदमी में भी जान आ जाएगी। केरल के कोडिन्ही गांव के बारे में आपने पहले जरूर पढ़ा-सुना होगा... जी हां, वही जुड़वां लोगों का गांव। अब इसे ट्विन टाउन भी कहा जाने लगा है। दो हजार लोगों की आबादीवाला यह गांव चि‍कित्‍सकों व शोधकर्ताओं के लिए रहस्य तथा दुनिया भर में मीडिया के लिए खबर बना हुआ है। गांव में 250 जोड़े जुड़वां बच्चों का निबंधन हो चुका है, जबकि समझा जाता है कि उनकी वास्तविक संख्या इससे भी अधिक है।

जुड़वां बच्‍चों के होने के फायदे भी हैं और नुकसान भी, लेकिन हम यहां उसकी तह में नहीं जाना चाहते। हम तो कटोरे पर कटोरा की तरह एक दूसरे की गोद में बैठे इन जुड़वां बच्‍चों के चित्र देखकर खुश हैं, और आपके साथ इस खुशी को बांटना चाहते हैं। कोडिन्ही गांव के जुड़वां बच्‍चों की कुछ और तस्‍वीरें आप यहां जाकर भी देख सकते हैं।

2 comments:

  1. this post is really very good!

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  2. विचित्र! वैज्ञानिक सत्य क्या है इसके पीछे? यहां का पाने क्या मल्टीपल ओवम बनाता है। या फर्टिलाइजेशन के बाद म्यूटेशंस ज्यादा होते हैं!
    रोचक।

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