Friday, October 3, 2014
Wednesday, October 1, 2014
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आज के समय में टीवी व रेडियो पर मौसम संबंधी जानकारी मिल जाती है। लेकिन सदियों पहले न टीवी-रेडियो थे, न सरकारी मौसम विभाग। ऐसे समय में महान कि...
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दाने दाने पर लिखा है, खानेवाले का नाम। यह कहावत आपने जरूर सुनी होगी। लेकिन अब हमें उस समय के लिए तैयार रहना चाहिए, जब कहना पड़े, 'दाने ...
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कृषि का भारत के लिए जितना महत्व है, इससे संबंधित शिक्षा और शोध पर उतना ध्यान नहीं दिया जाता। लेकिन मर कर जंगलों को फायदा पहुंचानेवाले सिका...
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आज पहली बार हमारे गांव के मैनेजर बाबू को यह दुनिया अच्छे लोगों और अच्छाइयों से भरी-पूरी लग रही है। जिन पढ़े-लिखे शहरी लोगों को वे जेठ की द...
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आखिर हम क्यों करते हैं ब्लॉगिंग ? क्या मिलता है हमें इसमें ? कुछ लोग इसके जरिए पैसा जरूर कमाते हैं, लेकिन अधिकांश को तो एक पाई भी नहीं मि...
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यदि आपकी पर्यटन व तीर्थाटन में रुचि है तो आपको कैमूर पहाड़ पर मौजूद मुंडेश्वरी धाम की यात्रा एक बार अवश्य करनी चाहिए। पहाड़ की चढ़ाई, जंगल...
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भाषा का न सांप्रदायिक आधार होता है, न ही वह शास्त्रीयता के बंधन को मानती है। अपने इस सहज रूप में उसकी संप्रेषणयीता और सौन्दर्य को देखना हो...
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क्या आप ने कभी सोचा है कि बांस से कार या टैक्सी भी बन सकती है? नीचे के छायाचित्रों को देखिए। इन टैक्सियों का 90 फीसदी हिस्सा बांस का है औ...
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उत्तरप्रदेश के एक गांव में आलू चुनते ग्रामीण (फोटो रायटर से साभार) भा रतीय वैज्ञानिकों ने आलू की ऐसी जीन संवर्धित प्रजाति को विकसित कर...