tag:blogger.com,1999:blog-3028832467418205910.post6149341913373711142..comments2024-03-09T22:25:13.444-08:00Comments on खेती-बाड़ी: अब कौन सा छू-मंतर कर देंगे वित्तमंत्री जी?Ashok Pandeyhttp://www.blogger.com/profile/14682867703262882429noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-3028832467418205910.post-46731785056488784442008-06-01T11:25:00.000-07:002008-06-01T11:25:00.000-07:00बड़े भाई,सरकार और उसके तन्त्र की अक्षमताओं और समाज...बड़े भाई,<BR/>सरकार और उसके तन्त्र की अक्षमताओं और समाजगत/व्यक्तिगत/संस्थागत व जातिगत कमजोरियों की बात से मैं भी सहमत हूँ. सबसे बड़ी कमजोरी तो भ्रष्टाचार है. लेकिन मेरा मानना है कि यदि सरकार की नीयत साफ़ रहे तो कुछ भी असंभव नहीं. <BR/>भारत का विकास भारतीय माडल पर ही हो सकता है, पाश्चात्य माडल पर नहीं. किसी अगले पोस्ट में इन बातों पर आपसबों से विस्तार से बात करूंगा. सादर.Ashok Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/14682867703262882429noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3028832467418205910.post-10702250621971044462008-06-01T03:53:00.000-07:002008-06-01T03:53:00.000-07:00यह ऐसा लेख है, जहां मेरा मन तुरन्त पूछने का होता ह...यह ऐसा लेख है, जहां मेरा मन तुरन्त पूछने का होता है कि <B>वैकल्पिक ब्लू-प्रिण्ट क्या है? </B>हम सरकार और उसके तन्त्र की अक्षमताओं को जानते हैं। पर हम कैसे विकास करेंगे अपनी समस्त समाजगत/व्यक्तिगत/संस्थागत और जातिगत कमजोरियों के साथ?Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3028832467418205910.post-65469940345254023162008-05-31T22:17:00.000-07:002008-05-31T22:17:00.000-07:00ये सच में विरोधाभास है। समझ में नहीं आता!ये सच में विरोधाभास है। समझ में नहीं आता!अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3028832467418205910.post-52508897401264505752008-05-31T11:16:00.000-07:002008-05-31T11:16:00.000-07:00अच्छा रहा अशोक भाई.. आप ने अच्छे पहलू उठाए..अच्छा रहा अशोक भाई.. आप ने अच्छे पहलू उठाए..अभय तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/05954884020242766837noreply@blogger.com