Friday, August 27, 2010

अब बढ़ जाएगी गेहूं की पैदावार...खाने को मिलेगी अधिक रोटी

कृषि विज्ञान के क्षेत्र में ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने ऐसी उपलब्धि हासिल की है, जिसे खाद्य सुरक्षा की दृष्टि से हरित क्रांति के बाद सबसे अहम माना जा रहा है। ब्रि‍टेन के लिवरपूल व ब्रिस्‍टल विश्‍वविद्यालयों के वैज्ञानिकों ने नॉरविच के जॉन इन्‍स सेंटर की मदद से गेहूं के जीनोम के जेनेटिक सीक्‍वेंस को पूरी तरह से डीकोड कर लेने में कामयाबी हासिल की है। सदियों से गेहूं दुनिया भर में मानव का मुख्‍य आहार रहा है। लेकिन जलवायु परिवर्तन और बढ़ती आबादी के चलते जरूरतों के हिसाब से इसकी उपलब्‍धता चिंता का विषय बनी हुई थी। वैज्ञानिकों का दावा है कि ताजा उपलब्धि से सूखे और बीमारियों से लड़नेवाले और अधिक उपज देनेवाले प्रभेदों का विकास करने में मदद मिलेगी, जिससे अनाज का उत्‍पादन काफी बढ़ जाएगा। जाहिर है, तब दुनिया में अधिक लोगों को अधिक मात्रा में खाने के लिए रोटी उपलब्‍ध होगी।

गौरतलब है कि चावल और मक्‍का के जीनोम पहले ही डीकोड किए जा चुके हैं। लेकिन जटिल और बड़ी संरचना की वजह से गेहूं के जीनोम को डीकोड करना काफी चुनौतीपूर्ण कार्य था। गेहूं का जीनोम अब तक डीकोड किया गया सबसे बड़ा जीनोम है। यह आकार में मानव जीनोम से भी पांचगुना बड़ा है। हालांकि जैसा कि इस शोध के अगुआ रहे लिवरपूल विश्‍वविद्यालय के प्रोफेसर नील हॉल बताते हैं कि जहां मानव जीनोम का सीक्‍वेंस तैयार करने में पंद्रह साल लगे थे, डीएनए प्रौद्योगिकी में हुई प्रगति के चलते गेहूं का जेनेटिक सीक्‍वेंस महज एक साल में तैयार कर लिया गया।

पूरी खबर बीबीसी, द हिन्‍दू या नवभारत टाइम्‍स में पढ़ी जा सकती है। फोटो द हिन्‍दू से साभार।

Tuesday, August 24, 2010

आप जानते हैं कि 15 अगस्‍त को फ्रांसीसियों ने क्‍या किया ?

15 अगस्‍त। हमारी आजादी का दिन।

इस दिन सुबह में आपने भी झंडे लहराए होंगे और जश्‍न मनाया होगा। लेकिन आप जानते हैं कि इस साल फ्रांसीसियों ने इस दिन क्‍या किया ? जवाब जानने के लिए यहां क्लिक करें।

बहरहाल अब जबकि जीन संवर्धित फसलों को मंजूरी की प्रक्रिया आसान करने के लिए केन्‍द्र सरकार द्वारा संसद के समक्ष विधेयक पेश करने की तैयारी चल रही है, अग्रलिखित सवाल अब भी कायम है : आप खेत और पेट की गुलामी को तैयार तो हैं?

जवाब आपको तलाशना ही होगा। अन्‍यथा एक दिन हम और आप दुनिया के सामने खुद एक पेचीदा सवाल बनकर रह जाएंगे।